IPC की धारा 295A: जानिए धारा 295A और सिद्धू मूसेवाला की हत्या का क्या है पूरा सच
IPC की धारा 295: जानिए धारा 295A और सिद्धू मूसेवाला की हत्या का पूरा सच।
हाल ही में 29 मई 2022 को एकजाने माने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसे वाला के गोली मारकर हत्या कर दी गई। तभी से गायक सिद्धू मूसे वाला द्वारा गाया गया एक गाना काफी चर्चा में बना हुआ है।
जिसका शीर्षक "295 " है।
लोगों का कहना है कि सिद्दू मूसे वाला ने इस गाने के माध्यम से अपनी मौत की तारीख पहले ही बता दी थी यानि 29 मई। लेकिन यह पूरा सच नहीं है। आइए जानते हैं कि सिद्दू मूसे वाला का 295 गाने का मतलब क्या है?
IPC की धारा 295 पर गाया था गाना
गायक सिद्धूमूसेवाला की हत्या से कुछ समय पहले "295" शीर्षक वाला गाना आया था जिसे IPC की धारा 295 को ध्यान में रखकर बनाया गया था। इस गाने के माध्यम से वह अपने फैंस और दुनिया वालों को यह बताना चाहते हैं कि किस तरह सच बोलने पर लोगों पर आईपीसी की धारा 295 के तहत मामले दर्ज कर दिए जाते हैं।
क्या है IPC की धारा 295?
भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 की धारा 295A ब्रिटिश काल में सन 1860 में लागु की गई जिसके तहत यदि कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक, उपासना वाले स्थान या किसी भी वर्ग या समुदाय द्वारा पवित्र मानी गई वस्तु या स्थान को नष्ट या फिर नुकसान पहुंचाने यह सोचते हुए करें कि उस वर्ग या समुदाय के व्यक्ति को अपमानित किया जा सके तो वह व्यक्ति इस धारा के तहत दोषी पाया जाएगा।
यह अपमान लिखकर, बोल कर या फिर किसी प्रकार का दृश्य दिखा कर किया गया हो तो भी इस धारा के तहत वह दोषी पाया जाएगा।
इस धारा के लागू होने के लिए आवश्यक है कि यह अपमान किसी भी भारतीय के साथ जानबूझकर या फिर किसी विशेष धर्म या समुदाय को जानबूझकर अपमानित करने के लिए कि lया गया हो। भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 295A के तहत सजा का प्रावधान भी है।
295 धारा के तहत सज़ा का प्रावधान
यदि कोई व्यक्ति किसी भी भारतीय व्यक्ति के समुदाय या धर्म विशेष की बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी, या फिर किसी पवित्र स्थान और वस्तु को नष्ट किया अपमानित करता है तो भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 295A के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को अधिक से अधिक 2 वर्ष का कारावास तथा इस पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है। यह एक संज्ञेय अपराध है इसलिए इसलिए यह गैर ज़मानती है।
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