बेटों और पति को खोया, दान की आँखे: जानिए क्लर्क से राष्टपति उम्मीदवार तक कैसे पहूँची द्रौपदी मुर्मू

बेटों और पति को खोया, दान की आंखे: जानिए क्लर्क से राष्ट्रपति उम्मीदवार तक कैसे पहूँची द्रौपदी मुर्मू?


राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में NDA की और से द्रोपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है। चुनाव जितने के बाद वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा की रहने वाली आदिवासी महिला है। जो कि झारखंड की पहली महिला राजयपाल भी रह चुकि हैँ। जँहा उनका कार्यकाल 6 वर्षो से भी अधिक रहा है।
साथ ही यह राज्य की एकमात्र राज्यपाल रहीं है जिन्होंने अपना 5वर्षो का कार्यकाल पूरा किया है। वह हमेशा आदिवासी बालिकाओं को लेकर काफी सजग रहीं हैँ।

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu)

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक आदिवासी संथाल परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम बिरदंची नारायण टुडु और पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है। द्रौपदी मुर्मू ने रमा देवी महिला कॉलेज भुवनेश्वर से स्नातक (Graduation) किया।

द्रौपदी मुर्मू का निजी जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। द्रौपदी मुर्मू के दो बेटे और एक बेटी थी। दुर्भाग्यवश अकाल मृत्यु के कारण वह अपने पति और दोनों बेटों को खो चुकी हैँ। उनकी बेटी जो कि विवाहिता है और भुवनेश्वर में रहती हैँ।

द्रौपदी मुर्मू रांची में कश्यप मेडिकल कॉलेज द्वारा आयोजित किए गए एक रन ऑफ विजन प्रोग्राम में अपनी आंखें दान करने की घोषणा भी कर चुकी हैँ। 

राजनितिक जीवन

द्रौपदी मुर्मू ने सिंचाई और बिजली विभाग में एक जूनियर क्लर्क के रूप में भी कार्य किया है। 
द्रोपति मुर्मू के राजनीतिक जीवन की शुरुआत एन ए सी के उपाध्यक्ष के पद से की। वह वर्ष 2000-4 के बीच रायरंगपुर से उड़ीसा विधानसभा की सदस्य भी रहीं।
2004-9 तब उन्होंने एक बार फिर रायरंगपुर से विधायक के रुप में कार्य किया है।
वर्ष 2007 में द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए "नीलकंठ पुरस्कार" से भी सम्मानित किया गया था। वर्ष 2015 में उन्हें झारखंड के राज्यपाल के पद के लिए भी चुना गया। 

राजनीति में आने से पहले थी शिक्षक

राजनीति में आने से पहले द्रौपदी मुर्मू श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, में रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक के तौर पर सेवा दी है। साथ ही वह ओड़िशा के मुख्य मंत्री नवीन पटनायक की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने आदिवासी उत्थान के लिए 20 वर्षों से भी अधिक समय तक कार्य किया है।

राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के लिए चुना गया।

राष्ट्रपति के चुनाव के उम्मीदवार के लिए 20 नामों पर चर्चा की गई थी जिनमें से द्रौपदी मुर्मू को चुना गया। यदि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए चुनी जाती है तो वह। भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल रहीं हैँ।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के रूप में द्रौपदी मुर्मू के विपक्ष में पूर्व केंद्र मंत्री यशवंत सिन्हा हैँ। 

 











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