National Dimension Poverty Index 2021: राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2021

National Multidimension Poverty Index 2021: राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2021


हाल ही में नीति आयोग द्वारा बहुआयामी गरीबी सूचकांक  (MPI) जारी किया गया है।




इससे पहले संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड हुमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (OPHI) द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2021 जारी किया गया था।

Multidimension Poverty Index 2021 (MPI)

MPI प्रति व्यक्ति व्यय के आधार पर गरीबी के आंकड़े प्रदान करता है।
Global MPI 2021 में 109 देशों की रैंक शामिल है जिसमें भारत ने 66 वी रैंक हासिल की है।
नीति आयोग द्वारा जारी की गई MPI रैंकिंग का उद्देश्य वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति को सुधार करना तथा सुधार संबंधी कार्य योजना को तैयार करने के लिए विश्व स्तर पर गठबंधन बनाने के साथ-साथ भारत के लिए एक व्यवस्थित MPI बनाना है।

नीति आयोग द्वारा एमपीआई रैंकिंग जारी करने के 3 आयाम है स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर और इन आयामों में परिवारों द्वारा सामना किए जाने वाले कई और एक साथ आभावो को शामिल करता है।

कार्यप्रणाली

राष्ट्रीय MPI को मापने के लिए सिर्फ राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (OPHI) द्वारा विकसित मजबूत कार्य प्रणाली का उपयोग किया जाता है।

राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक की बेसलाइन रिपोर्ट राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) -4 पर आधारित है जिसे 2015-2016 द्वारा संचालित किया गया था।


NFHS-4 क्या है?

NFHS-4 के डाटा का इस्तेमाल केंद्र सरकार की योजनाओं के शुरू होने से पहले स्थिति को मापने के लिए बहुआयामी गरीबी पर एक उपयोगी स्रोत के रूप में कार्य करता है।

NFHS-4 का उद्देश्य आवास, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, खाना पकाने का इंधन, वित्तीय समावेशन, स्कूल में नामांकन, पोषण, और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य आदि में सुधार के उपाय करना है।

जबकि NFHS-5 डेटा फैक्टशीट स्वच्छ खाना पकाने के इंधन स्वच्छता और बिजली तक पहुंच में सुधार का सुझाव देती है।

नीति आयोग द्वारा जारी बहु आयामी निर्धनता सूचकांक 2021

नीति आयोग द्वारा जारी किए गए राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक 2021 में बिहार राज्य को सबसे गरीब राज्य माना गया है।

बिहार राज्य की आबादी में गरीबी का अनुपात सबसे अधिक है उसके बाद झारखंड तथा उत्तर प्रदेश राज्य आते हैं।
बिहार में घोषित लोगों की संख्या सबसे अधिक है इसके बाद झारखंड मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य आते हैं।

जबकि केरल राज्य की जनसंख्या में सबसे कम गरीबी मिस्टर दर्ज की गई है उसके बाद पुदुचेरी, लक्ष्यदीप गोवा और सिक्किम राज्य आते हैं। 

 

 














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