गूगल ने बनाया 'Father of Judo' का Doodle: जानिए कौन थे कानो जिगोरो

जापान के कानो जिगोरो को Google ने सम्मानित किया



28 अक्टूबर 2021 को 'जुडो के पिता' कहे जाने वाले कानो जिगोरो को उनके 161 जन्मदिवस पर Google द्वारा Doodle बना कर सम्मानित किया गया।

1860 में मिकेज (वर्तमान-कोबे का हिस्सा) में जन्मे 11 वर्ष की उम्र में अपने पिता के साथ टोक्यो चले गए थे। अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान उन्हें कई विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उसके बाद ही उन्होंने जुजुत्सु के मार्शल आर्ट का अध्ययन करने का निर्णय लिया। टोक्यो विश्वविद्यालय के दौरान कानो जिगोरो की मुलाक़ात जुजुत्सु मास्टर और पूर्व समुराई फुकुदा हाचिनोसुके से हुई जिसने कानो जिगोरो को जुजुत्सु सिखाया।

जुडो का जन्म जुजुत्सु के एक मैच के दौरान हुआ जब कानो ने अपने प्रतिद्वंदी को हराने के लिए मैच में एक नई पश्चिमी कुश्ती चाल को शामिल किया। जुजुत्सु में शामिल खतरनाक तकनीकों को हटाकर कानो ने "जुडो" की शुरुआत की।
कानो जिगोरो के व्यक्तिगत दर्शन सेरियोकु-जेन्यो (ऊर्जा का अधिकतम कुशल उपयोग और जिता-क्योई (स्वयं और दूसरों की पारस्परिक समृद्धि) पर आधारित एक सुरक्षित और सहकारी खेल है।

वर्ष 1882 में कानो ने अपना एक डोजो (एक प्रकार का मार्शल आर्ट जिम) कोकोडन संस्थान खोला जिसमें वर्षों तक उन्होंने जूडो का विकास किया।

वर्ष 1893 में जुडो में महिलाओं के लिए भी स्थान दिया गया।

वर्ष 1909 में कानो जिगोरो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के पहले एशियाई सदस्य बने।

वर्ष 1960 में IOC द्वारा जूडो को एक आधिकारिक ओलंपिक  खेल के रूप में अनुमति दी गई।

Doodle को लॉस एंजिल्स के कलाकार सिंथिया युआन चेंग द्वारा जिगोरो की 161 वीं जयंती पर चित्रित किया गया है। 

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