क्यों हुआ था कारगिल युद्ध? जानिए क्यों मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस?
क्यों हुआ था कारगिल युद्ध? जानिए क्यों मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस?
प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को पूरे भारत में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। जिसे "विजय दिवस" भी कहा जाता है। 26 जुलाई 1999 का वह यादगार दिन है जिस दिन भारत और पाकिस्तान के कारगिल युद्ध में भारत को विजय प्राप्त हुई। यह युद्ध 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ था। इस युद्ध में सैकड़ों सैनिक शहीद हो गए थे जिनकी याद में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।
कारगिल युद्ध की शुरुआत कैसे हुई?
1947 के भारत विभाजन के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर पर आधिपत्य को लेकर संघर्ष जारी है। इस विवाद को कम करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए जिसके अनुसार दोनों ही देश के सैनिकों को LOC रेखा पार करना मना था लेकिन इस शांतिपूर्ण समझौते का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानी सेना ने भारतीय क्षेत्र कारगिल मैं घुसपैठ की और कारगिल क्षेत्र की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया जिसे "ऑपरेशन बद्र" का नाम दिया गया। बदले में भारतीय सैनिकों द्वारा कारगिल क्षेत्र को आजाद करवाने के लिए "ऑपरेशन विजय" शुरू किया गया।
यह जम्मू लद्दाख के कारगिल क्षेत्र में 60 दिनों से अधिक समय तक चलती रही इस जंग में लगभग 2 लाख भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया। जिसमें 527 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और 357 पाकिस्तानी सैनिकों ने अपनी जान गंवाई।
कारगिल गर्ल की भूमिका
1999 में जब कारगिल युद्ध शुरू हुआ तो भारतीय सेना को वायु सेना की मदद की जरूरत पड़ी उस समय गुंजन सक्सेना और श्री विद्या को युद्ध क्षेत्र में भेजा गया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सैना को घायल सैनिकों को मेडिकल कैंप तक पहुंचाने का काम दिया गया था।
लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना ने 18000 फीट की ऊंचाई पर "चीता" हेलीकॉप्टर उड़ाया और भारतीय सैनिकों की मदद कर युद्ध क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई इसलिए गुंजन सक्सेना को कारगिल घर भी कहा जाता है। गुंजन सक्सेना को उनकी बहादुरी के लिए शौर्य वीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार पाने वाली वह पहली महिला बनी।
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