अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2023: इस बाघ दिवस पर जानिए भारतीय सरकार ने बाघों की सुरक्षा के लिए कौन से कदम उठाए?

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2023: इस बार दिवस पर जानिया भारत सरकार ने बाघों की सुरक्षा के लिए कौन से कदम उठाए?


अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2023: प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य बाघों की लगातार कम हो रही संख्या के बारे में लोगों को जागरूक करना तथा बाघो को विलुप्त होने से बचाना है।
इसकी शुरुआत वर्ष 2010 में हुई थी। जब 29 जुलाई 2010 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ आवासों वाले 13 देशों द्वारा 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। 
भारत को बाघों को सुरक्षित रखना एक महत्वपूर्ण कार्य है। बाघ भारत के साथ-साथ बांग्लादेश, मलेशिया और दक्षिण कोरिया का भी राष्ट्रीय पशु है।

बाघ संरक्षण में भारत की उपलब्धियाँ
  • बाघ संरक्षण में भारत सबसे अग्रणी देश है।
  • भारत में कुल 53 बाघ अभयारण्य हैं जिनमें पूरे विश्व की 75 % बाघों की आबादी है।
  • वर्तमान समय में भारत में बाघों की संख्या 3167 है। जो कि वर्ष 2018 में 2,967 थी। पूरे विश्व में बाघों की संख्या 4,500 है।
  • भारत में 2022 के लक्ष्य को 2018 में ही बाघों की संख्या को बढ़ाकर पूरा किया।
  • बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए भारतीय सरकार द्वारा शिकार पर प्रतिबंध और गांवो में जागरूकता अभियान चलाया गया।
  • वर्ष 1972 में आधिकारिक तौर पर बाघों के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
  • प्रोजेक्ट टाइगर के तहत भारत में 53 टाइगर रिजर्व निर्मित किए गए।
  • हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा Tiger, Lion, Leopard, Snow Leopard, Cheetah, Jaguar, and Puma को संरक्षित करने के लिए International Big Cats Allians (IBCA) शुरुआत की गई। 

अन्य जानकारी:-

परंपरागत रूप से बाघों की कुल 8 प्रजातियां मानी जाती हैं जिनमें से 3 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं।  

बंगाल बाघ, अमूर बाघ, दक्षिण चीन बाघ, कैस्पियन बाघ, जावा बाघ, सुमात्रा बाघ, बाली बाघ इंडो-चीनी बाघ।
बंगाल टाइगर लुप्तप्राय सूची में गिना जाता है। 


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