NSA क्या है? जानें कितना ख़तरनाक है NSA और यह किन लोगो पर लगाया जाता है?
NSA क्या है? जानें कितना खतरनाक है NSA? यह एक्ट किन लोगो पर लगाया जाता है?
NSA (National Security Act)
हाल मैं तमिलनाडु पुलिस ने बिहार के एक यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहार के प्रवासियों पर हमले का फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोप में NSA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। यह कानून देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित है। यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को गिरफ्तारी के आदेश देता है।
NSA (National Security Act) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम1980 :
- NSA कानून को 1980 में इंदिरा गांधी के काल में बनाया गया था। NSA एक ऐसा कानून है जिसके तहत यदि सरकार को किसी व्यक्ति से देश पर कोई बड़ा खतरा महसूस होता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है।
- यदि सरकार को ऐसा महसूस होता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने पर बाधा डाल रहा है तो सरकार उसे गिरफ्तार करने के आदेश दे सकती है।
- कानून के तहत सरकार को देश भर में किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार करने की इजाजत मिल जाती है। इस कानून के तहत व्यक्ति पर बिना आरोप तय किए भी हिरासत में रखा जा सकता है।
- हिरासत में लगातार तीन महीने तक बिना जमानत के रखने का प्रावधान है। आवश्यकता पड़ने पर इस समय सीमा को तीन-तीन महीने के प्रावधान पर बढ़ाया भी जा सकता है। एक बार में तीन महीने से ज्यादा की अवधि नहीं बढ़ाई जा सकती।
- जब तक राज्य सरकार इस गिरफ्तारी को स्वीकृति नहीं देती तब तक यह गिरफ्तारी सिर्फ 12 दिन के लिए ही रहती है।
- राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद 7 दिन के भीतर ही इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार के पास भेजा जाता है जिसमें यह बताया जाता है कि किस आधार पर NSA लगाने की आवश्यकता पड़ी।
- NSA का उपयोग केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार भी कर सकती है।
सज़ा में नहीं होता बदलाव
NSA एक्ट के तहत गिरफ्तारी के दौरान आरोप सिद्ध हो जाने पर उस व्यक्ति को गिरफ्तारी के दिन से एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। एक साल की समय अवधि पूरी होने तक ना तो सजा में बदलाव किया जा सकता है और ना ही सजा को समाप्त किया जा सकता है।
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