What is white Fungus
White Fungus:-
ब्लैक फंगस के बाद अब व्हाइट फंगस ने भारत में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि व्हाइट फंगस ब्लैक फंगस के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है। व्हाइट फंगस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है।
किन लोगों को प्रभावित कर रहा है व्हाइट फंगस
कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति जब फंगस वाली जगहों के संपर्क में आते हैं तो यह इंफेक्शन पैदा हो जाता है। यदि कोई मरीज जब ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रहा है तो ऐसे में वेंटीलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम के ठीक तरह से सैनिटाइज ना किए जाने पर उसमें जमा फंगस मरीज तक पहुंच सकती है।
व्हाइट फंगस को ज्यादा खतरनाक इसलिए माना गया है क्योंकि यह बच्चों और महिलाओं को भी संक्रमित करता है। यह बीमारी अधिकतर नवजात शिशु में डायपर कैंडीडायसिस के रूप में होती है। इसमें बच्चे की स्किन पर क्रीम कलर के धब्बे दिखाई देते हैं।
बच्चों और महिलाओं में कैंडीडायसिस नामक बैक्टीरिया के पनपने के चांसेस बहुत अधिक होते हैं।
व्हाइट फंगस के लक्षण क्या हैं।
व्हाइट फंगस को ब्लैक फंगस के मुकाबले अधिक खतरनाक माना गया है क्योंकि यह शरीर के अन्य अंगों के साथ-साथ फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। जिसमें नाखून त्वचा किडनी मस्तिष्क यौन अंग और मुँह भी शामिल हैं।
चेहरे पर सूजन आना, शरीर के किसी भी अंग में दर्द का होना, नाक या मुंह से काले रंग का पदार्थ निकलना, सिर दर्द होना, धुंधला दिखाई देना आदि। यदि इनमें से कोई भी लक्षण आपको नज़र आए तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
व्हाइट फंगस से कैसे बचा जा सकता हैं?
व्हाइट फंगस का सबसे अधिक खतरा बच्चो में हैं। तो सबसे पहले बच्चों को कोरोनावायरस से बचाया जाए
क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी। इसलिए उनमें व्हाइट फंगस या ब्लैक फंगस होने होने का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है।
बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत रखा जाए
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