ब्लैक फंगस क्या हैं?
भारत देश में कोरोना के बाद एक नई बीमारी ने जन्म लें लिया है जिसे ब्लैक फंगस कहा जा रहा है। ब्लैक फंगस एक तरह की काली फफूँद होती है जो म्यूकोर माईकोसिस वायरस द्वारा होती हैं। यह फफूँद शरीर के किसी अंग पर जमा हो जाती है। अब पूरे भारत में लगभग 11,717 लोगो मैं ब्लैक फंगस के संक्रमण की पहचान हो चुकी है। इस दौरान कई नहीं फंगस से संक्रमित लोगों की मृत्यु भी हुई है। ब्लैक फंगस एक संक्रमित बीमारी हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं। यह तेज़ी से फैलने वाला रोग हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को ब्लैक संघर्ष में एक महामारी घोषित करने को कहा गया है। अब तक भारत के कई राज्यों में ब्लैक सोंग्स को महामारी घोषित किया जा चुका हैं।
डॉक्टर त्रेहन के अनुसार, ब्लैक फंगस नाक या मुँह द्वारा शरीर में प्रवेश करता है। दूसरे चरण में ब्लैक फंगस आंखों को भी प्रभावित करता है। और तीसरे चरण में यह दिमाग पर हमला करता है।
किन लोगों पर अटैक कर सकता है ब्लैक फंगस?
1. चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर नरेश त्रेहन के अनुसार, ज्यादा खतरा उन लोगों को है जो डायबिटीज के मरीज हैं। क्योंकि डायबिटीज के मरीज अधिक स्टेरोइड्स का इस्तेमाल करते हैं। स्टेरॉइड की बहुत ज्यादा खुराक लेने से भी मरीज को ब्लैक फंगस हो सकता है। अगर आप स्टेरॉइड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो डॉक्टर से बिना सलाह लिए स्टेरॉइड लेना नहीं छोड़े।
2. ऐसे व्यक्तियों को भी ब्लैक फंगस का खतरा है जिनका अभी कैंसर का इलाज चल रहा है।
3. ट्रांसप्लांट करवाने वाले मरीजों पर भी ब्लैक फंगस का खतरा बना हुआ है।
4. जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है ऐसे लोगों को ब्लैक फंगस से अधिक सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
5. कुछ दवाइयां भी सावधानी के साथ लेनी चाहिए क्योंकि वह भी फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं। क्योंकि दवाइयां इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर करती हैं।
6. जिन कोरोना संक्रमितो का इलाज हो चूका और स्वस्थ हो चुके हैं। तो ऐसे लोगो को भी ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ा हुआ हैं।
ब्लैक फंगस से कैसे बचा जा सकता है?
डॉक्टर रोहन के अनुसार, इस बीमारी को जितना जल्दी पहचानेंगे उसका इलाज उतनी ही जल्दी होगा।
1. अपना शुगर कंट्रोल में रखें। यानि की खून में चीनी की मात्रा को नहीं बढ़ने दें।
2. जो व्यक्ति डायबिटिज के मरीज़ नहीं हैं लेकिन नियमित तौर पर स्टेरॉइड लेते हैं उन्हें अपना ब्लड शुगर चेक करवाते रहना चाहिए।
3. अपनी इम्युनिटी को बनाएं रखें क्योंकि ब्लैक संघर्ष अधिकतर ऐसे ही लोगों पर अटैक करता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है।
4. ब्लैक फंगस वातावरण में भी उपलब्ध होता हैं। जँहा अधिकतर धूल मिट्टी हो या कोई निर्माण कार्य चल रहा हैं ऐसी जगह पर जाने से बचें।
कैसे पता करें कि ब्लैक फंगस ने अटैक कर दिया हैं?
ब्लैक फंगस के लक्षणों को पहचानकर हम यह जान सकते हैं ब्लैक फंगस हैं या नही।
1. यदि आपकी आँखों के चारो तरफ लाल घेरे हो।
2. यदि आपको सिर दर्द के साथ-साथ बुखार और जुकाम हैं।
3. यदि आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
4. यदि आपके दांतों में दर्द हैं या फिर वे हिलने लगे।
यदि ब्लैक फंगस ने फेफड़े पर अटैक किया हैं....
1. बुखार हो सकता है तथा कफ की शिकायत भी हो सकती हैं।
2. सांस लेने में परेशानी हो सकती हैं।
3. सीने में दर्द दर्द तथा धुंधला दिखाई पड़ना
जैसे लक्षण लिखिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इलाज संभव है या नहीं?
ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों का इलाज दवाइयों से भी संभव है। लेकिन कई बार सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।
इसका इलाज 4 से 6 हफ्ते तक चल सकता है। तथा गंभीर मामलों में यह इलाज 3 महीने तक भी हो सकता है। ब्लैक फंगस जैसी महामारी से सतर्क रहें। तथा अपने स्वस्थ का ध्यान रखें और कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।
Post a Comment