भारत पर अमेरिका का टैरिफ़ हमला: जानिए क्या होता है टैरिफ़? और यह क्यों लगाया जाता है?

भारत पर अमेरिका का टैरिफ़ हमला : जानिए क्या होता है टैरिफ़? और यह क्यों लगाया जाता है? 

हाल ही में अमेरिका ने भारत सहित 14 देशों से आयातित कुछ उत्पादों पर टैरिफ़ बढ़ा दिया है जिससे भारतीय निर्यातको पर आर्थिक दबाव बढ़ने की संभावना है। 
गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाया है जबकि भारत अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर पहले से ही 52% टैरिफ़ वसूलता है।

क्या होता है टैरिफ? 

टैरिफ एक प्रकार का कर (Tax) या शुल्क होता है जिसे किसी देश की सरकार द्वारा विदेशी वस्तुओं पर लगाया जाता है। जब कोई सामान एक देश से दूसरे देश में भेजा जाता है, तो उस पर टैरिफ लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना और विदेशी सामान पर लोगों की निर्भरता को कम करना होता है।

टैरिफ कितने प्रकार के होते हैं?

टैरिफ मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

1. आयात टैरिफ (Import Tariff): आयात टैरिफ किसी देश द्वारा उस वस्तु पर लगाया जाता है जो वस्तु वह अपने देश में मंगवाता है। 


2. निर्यात टैरिफ (Export Tariff): निर्यात टैरिफ़ किसी देश द्वारा उस वस्तु पर लगाया जाता है जो वस्तु किसी अन्य देश में भेजी जाती है। इसका उद्देश्य अपने देश में आवश्यक वस्तु की कमी को रोकना है। 


टैरिफ क्यों लगाया जाता है?
टैरिफ लगाने से घरेलू उद्योगों को सुरक्षा मिलती है क्योंकि अधिक टैरिफ़ लगाने से विदेशी उत्पाद महंगे हो जाते हैं। इससे देश के अंदर बने सामान की मांग बढ़ जाती है और रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। हालांकि, ज्यादा टैरिफ उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का कारण बनता है। 

टैरिफ लगाने के नुकसान और फायदे 


लाभ:

टैरिफ़ बढ़ाने से घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलता है। 

विदेशी वस्तुओं पर भी नियंत्रण रहता है।

रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है। 


नुकसान:

महंगाई बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है और उपभोक्ताओं को महंगे दाम चुकाने पड़ते हैं।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव बढ़ने का खतरा रहता है। 

व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में कमी आती है। 

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