बाल श्रमिक विेेेेद्या योजना

बाल श्रमिक विद्या योजना


साक्षर होगी भावी पीढ़ी सुनहरा होगा देश का भविष्य

जैसा की हम जानते है शिक्षा जीवन का महत्वर्पूण हिस्सा है। परंतु भारत में बहुत से ऐसे परिवार है। जिनके छोटे-छोटे बच्चे भी शिक्षा छोड़ रोज़गार प्राप्त करने में लगे होते हैं। जो कि एक अपराध हैं। 14 वर्ष तक की आयु के बच्चे से काम करवाना देश के कानून के खिलाफ हैं। 

ऐसे ही परिवार के बच्चों के लिए 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की। इस योजना में छोटे बच्चों को शिक्षा में आर्थिक सहायता दी जाएगी ।

क्या है बाल श्रमिक विद्या योजना:

बाल श्रम दिवस के मौके पर बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत की गई।
इस योजना के तहत कामकाजी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार आर्थिक अनुदान देगी।
  • इस योजना के तहत श्रमिक छात्रो को 1000 रूपये प्रतिमाह तथा श्रमिक छात्राओं को 1200 रूपये प्रतिमाह का अनुदान दिया जाएगा।                
  • कक्षा 8,9, व 10  को उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को 6000 रूपये की प्रोत्साहन राशि अलग से दी जाएगी।  
  • इस वर्ष 20 जिलों के 2000 बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा       
  • 2011 की जनगणना के अंर्तगत 2000 बच्चों की लिस्ट तैयार की गई है। 
  • इससे पहले श्रम विभाग द्वारा लाभार्थियों को 8000 रूपयें प्रति वर्ष और 100 रूपये प्रति माह मिलते थे।
उद्देश्य:



उत्तर प्रदेश राज्य में कई परिवार है जिनके छोटे बच्चे है जो अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण काम करने को मजबूर हैं। ऐसे ही बच्चो को शिक्षित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।      


कौन इस योजना का लाभ ले सकता है।

  • दिव्यांग माता या पिता के बच्चे         
  • ऐसा परिवार जिसमें परिवार की मुखिया कोई महिला हों।                  
  • जिस बच्चे के माता या पिता गंभीर बिमारी से ग्रस्त हों।                         
  • ऐसा परिवार जो भुमिहीन हें उनके बच्चें इस योजना से लाभान्वित होंगे।
अभी इस योजना के आवेदन के लिए सरकार की तरफ से कोई आवेदक पत्र जारी नही किया गया है। पर जल्दी ही इसकी शुरूआत हो सकती हैं।


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